डिजिटल डेंटल इंप्रेशन को 3D इंट्राओरल स्कैनिंग भी कहा जाता है। यह नवीन डिजिटल इम्प्रेशन टेक्नोलॉजी लेज़र और अन्य ऑप्टिकल स्कैनिंग उपकरणों के माध्यम से कंप्यूटर द्वारा उत्पन्न नरम और कठोर ऊतकों (Soft and hard tissue) की प्रतिकृति (replica) बनाकर दंत चिकित्सक और रोगियों के लिए उन्नत सुविधाओं और लाभों के साथ तेजी से बढ़ रही है।
डिजिटल इंप्रेशन कैसे लेते हैं? प्रक्रिया?
कंप्यूटर और उन्नत सॉफ्टवेयर से जुड़े (वायरलेस) उपकरण का उपयोग करके, जो आकार में एक छोटी जादू की छड़ी की तरह दिखाई देता है उसे रोगी के मुंह में डाला जाता है फिर उसे रोगी के दांत और (नरम) सॉफ्ट टिशू पर ले जाया जाता है। जिससे कैप्चर किया हुआ डिजिटल इंप्रेशन कंप्यूटर स्क्रीन पर प्रदर्शित होता है। कैप बिठाने के लिए क्राउन की प्रिपरेशन करने के बाद तैयार दांत/दांतों की डिजिटल छाप लेने में कुछ मिनट लगते हैं, इसी तरह दूसरी तरफ का जबड़ा रिकॉर्ड करने में भी लगभग कुछ ही सेकंड लगते हैं।
स्क्रीन पर (कंप्यूटर द्वारा किए गए डिजिटल इंप्रेशन प्लानिंग जिसे वर्चुअल प्लानिंग कहा जाता है) आभासी योजना की छवि को देखकर, प्रयोगशाला में भेजने से पहले ऑनस्क्रीन उसमें आई त्रुटियों में हेरफेर और सुधार कर सकते हैं। इस 3D डिजिटल इंट्राओरल स्केनर मशीन की मदद से डेंटिस्ट मुंह में कठोर और मुलायम ऊतकों (सॉफ्ट और हार्ड टिशु) का एक वर्चुअल मॉडल बना सकते हैं। ये प्रतिकृतियां पारंपरिक रूप से तैयार किए हुए मोल्ड की तुलना में अधिक सटीक हैं, और विभिन्न आवश्यकताओं के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है। मुंह का स्कैन लेने के बाद, एक दंत चिकित्सक तुरंत एक प्रयोगशाला (लेबोरेटरी) में डिजिटल इंप्रेशन भेज सकता है जहां डिजिटल क्राउन और ब्रिज, डिजिटल इंप्लांट, डिजिटल इंप्लांट सपोर्टेड प्रोस्थेसिस, नाइट गार्ड, रिटेनर, इनविजिबल एलाइनर आदि जल्दी और सही तरीके से बनाए जा सकते हैं।
डिजिटल इंप्रेशन के फायदे :-
- डिजिटल डेंटल इंप्रेशन के दौरान पेशेंट अधिक सुखद और कम गंदा अनुभव करता है क्योंकि इसमें रोगी के मुंह में कोई प्रकार के इंप्रेशन मटेरियल और इंप्रेशन ट्रे डालने की आवश्यकता नहीं होती है। जिससे रोगी को अधिक आरामदायक महसूस होता है।
- रोगी जो गंभीर गैग रिफ्लेक्स या दंत संवेदनशीलता से परेशान है वह डॉक्टर द्वारा डिजिटल इंप्रेशन लेने के दौरान अधिक सुखद अनुभव करता है। (गैग रिफ्लेक्स :- किसी भी तरह की वस्तु के मुंह में जाने पर या टच होने पर लेरिंजल -फैरिंजीयल ऐंठन, पीछे की मसल में संकुचन होता है जिससे पेशेंट को उल्टी जैसा अनुभव होता है)
- डिजिटल इंप्रेशन का एक और लाभ स्कैन की सटीकता है।
- चूंकि दंत चिकित्सक मॉनीटर पर तुरंत पूरा स्कैन देख सकते हैं, उसमें आई अशुद्धि या त्रुटियों को देखकर मरीज के डेंटल कुर्सी पर रहते हुए उसी समय फिर से रिपीट स्कैन करके उसमें सुधार कर सकते हैं। जिससे पेशेंट को नया इंप्रेशन देने के लिए वापस क्लीनिक नहीं आना पड़ता।
- यह तकनीक उल्लेखनीय रूप से सटीकता और दक्षता बढ़ाती है और पत्थर के मॉडल को भेजने के बजाय प्रयोगशाला (लेबोरेटरी) में आभासी प्रभाव को ई-मेल करने के लिए संभव बनाती है।
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